View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1362 | Date: 14-Sep-19951995-09-141995-09-14करते है जब हैसियत की बात, तब अक्सर अपनी हैसियत भूल जाते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=karate-hai-jaba-haisiyata-ki-bata-taba-aksara-apani-haisiyata-bhula-jateकरते है जब हैसियत की बात, तब अक्सर अपनी हैसियत भूल जाते हैं,
भूलकर अपनी हैसियत, अक्सर हैसियत की बात करते रहते है ।
कभी अपनेआप को तो कभी औरों को देखते रहते हैं,
कभी अपनी हैसियत की ओर ध्यान ही हम नही देते हैं ।
बात होती है जहाँ अपनी, अक्सर हम धोखे में रहते हैं,
असलियत अपनी भूलकर, असलियत की बातें करते रहते हैं।
पता चलने पर अपनी कमजोरियों पर, पछताते हम रहते हैं,
जिंदगी का असली मजा लेना हम भूल जाते हैं।
अपनी हसरतों के आगे ही हम सिर झुकाए रहते हैं,
गुजर जाती है जिंदगी, पता ना उसका हमें चलता है ।
करते है जब हैसियत की बात, तब अक्सर अपनी हैसियत भूल जाते हैं