View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1116 | Date: 02-Jan-19951995-01-021995-01-02कुर्बानी देनी है, कुर्बानी देनी है, बली तुझे चढ़ानी हैं, 2Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kurbani-deni-hai-kurbani-deni-hai-bali-tuje-chadhaani-haimकुर्बानी देनी है, कुर्बानी देनी है, बली तुझे चढ़ानी हैं, 2
ना अपनेआप की, ना किसी और जीव की, बली हमें देनी हैं,
फिर भी कुर्बानी हमें करनी है, बली तुझे चढ़ानी हैं।
अपनी इच्छाओं को, कुर्बानी तूझ पर करनी, इसकी बली तुझ पर चढ़ानी है।
अपने भावों को कुर्बान तुझ पर करते हैं, कुर्बानी हमें देनी है।
दिल में छिपे हुए जजबातों की कुर्बानी तुझ पर चढ़ानी है।
अपनेआप में रहते हुए विकारों की कुर्बानी तुझ पर करते हैं।
अपने अहंकार की बली तुझ पर चढ़ानी हैं, कुर्बानी तुझ पर देनी है।
जी रहे हैं जिस जहान में हम, हमारा वह जहान कुर्बान तुझ पर करना है।
बस रहा हैं मुझ में जो मैं, उस मैं की कुर्बानी तुझ पर करनी हैं ।
कुर्बानी देनी है, कुर्बानी देनी है, बली तुझे चढ़ानी हैं, 2