View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1133 | Date: 09-Jan-19951995-01-091995-01-09है तैयार वे हरघड़ी देने के लिए तुझे सबकुछSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=hai-taiyara-ve-haraghadai-dene-ke-lie-tuje-sabakuchhaहै तैयार वे हरघड़ी देने के लिए तुझे सबकुछ,
तुझे लेना नहीं आता हैं, फिर फरियाद क्यों करता है?
मेहनत से आगे बढ़ने की बजाय, सिर झुकाए तू क्यों बैठ़ा है?
क्या करे कोई, बूझदिल बनकर जीने में मज़ा जब तुझको आता है?
मोहताज नहीं हैं तू किसीका, फिर भी मोहताज तू रहता है।
है जो पास में तेरे, नजर उस तरफ नही करता है,
औरों की उँचाई देखकर क्यों हर वक्त जलता रहता है?
है ताकत जब तुझ में भी सबकुछ करने की, तो क्यों तू नहीं करता है?
निराशा के दामन में मुह छुपाकर, तू क्यों बेठ़ जाता है?
जब माँगना ही नहीं आता हैं तुझे, तो तू क्यों कुछ माँगता है?
छोड़कर सबकुछ परवरदिगार पर, तू क्यों चैन से नहीं जीता है?
है तैयार वे हरघड़ी देने के लिए तुझे सबकुछ