View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 195 | Date: 21-May-19931993-05-211993-05-21क्यों करता है अभिमान बंदे, क्यों करता है अभिमान?Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=kyom-karata-hai-abhimana-bande-kyom-karata-hai-abhimanaक्यों करता है अभिमान बंदे, क्यों करता है अभिमान?
नहीं सह पाओगे अपना अपमान, तो क्यों करता है अभिमान।
झूठे मान की खातिर क्यों करता है अभिमान।
क्या लाया था तू, क्या है तेरा? जिसका तुझे है गुमान।
साँप के मुह में हाथ डालकर, खुश क्यों तू होता है?
अमृत समझकर क्यों खोए, तू तेरी शान।
जब तू ही नष्ट हो जाएगा, तो क्या रहेगा तेरा गुमान।
करना है अभिमान, तो उस पर कर, जिसने दिया है तुझे सबकुछ।
करेगा उसपर अभिमान तर तो तू जाएगा।
अपने-आप पर करके अभिमान, डूब जाएगा।
नहीं है अनजान जब तू इन बातों से।
जानकर सबकुछ क्यों करे गुमान।
क्यों करता है अभिमान बंदे, क्यों करता है अभिमान?