View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1263 | Date: 19-May-19951995-05-191995-05-19मंजिल मेरी बहुत दूर है, पाना मंजिल को जरूर हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=manjila-meri-bahuta-dura-hai-pana-manjila-ko-jarura-haiमंजिल मेरी बहुत दूर है, पाना मंजिल को जरूर है,
राह में मुझको नही होना किसीसे भी मजबूर है।
मंजिल तो मेरी मेरे दिल का चैन है, वही मेरा नूर है, ...
बेचैनी मेरी दिल की मिटानी मुझको जरूर है ...
बैचेनी को रखनी मुझे मेरे दिल से बहुत दूर है,
राह में मेरी मुश्किलें तो आनी जरूर है, पर नही होना मजबूर है ।
जिंगदी में हर कदम पर हौसला रखना मजबूत है,
बहुत हुए हम, बस अब हमें ना होना गुमराह है ।
रहूँ मैं खुदी, या रहूँ बेखुदी में, पर छाया मुझपर एक ही सुरूर है,
मंजिल मेरी है प्रभु तू, मुझे तुझ तक पहुँचना जरूर है ।
मंजिल मेरी बहुत दूर है, पाना मंजिल को जरूर है