View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1387 | Date: 26-Oct-19951995-10-261995-10-26मतलब के इस रंग से देखो कोई नहीं बच सकता हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=matalaba-ke-isa-ranga-se-dekho-koi-nahim-bacha-sakata-haiमतलब के इस रंग से देखो कोई नहीं बच सकता है,
बच गया अगर कोई इस रंग से, वह फिर खुदा से दूर नही रह सकता है ।
जाना चाहते है सब पास खुदा के पर मतलब कोई नही छोड़ता है,
पाना चाहते है सबकुछ पर खोने से कुछ हर कोई ड़रता है ।
पाना और खोना क्या यह बात यहाँ कोई नही समझता है,
रंगे है सब मतलब के रंग में ऐसे कि उनपर और कोई रंग नही चढ़ सकता है ।
करते आए है हमसब यही, यही करते रहते है, ना कुछ और आता है,
करते है दिखावा कुछ और, कुछ और ही हम दिखाते है ।
चाहते है कभी इसी रंग से बचना पर कोशिश हम नही करते है,
बैठे-बिठाए मिल जाए सबकुछ तमन्ना यही रखते है ।
मतलब के इस रंग से देखो कोई नहीं बच सकता है