View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3215 | Date: 01-Feb-19991999-02-011999-02-01मेरे दिल की अगन, मेरे मन की लगन बन गईSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=mere-dila-ki-agana-mere-mana-ki-lagana-bana-gaiमेरे दिल की अगन, मेरे मन की लगन बन गई,
ऐ खुदा ! तेरी मोहब्बत मेरी मंजिल बन गई।
राहें मोहब्बत में मुझे तेरी प्यार भरी निगाह मिल गई,
कहना और क्या के दीवानेपन की शुरूआत हो गई,
या तो फिर हम यूँ कह ले, के जैसे बेखुदी की हमें नई वजह मिल गई ।
बेघर-बेघर भटक रहे थे हम, के हमें महफूझ एक जगह मिल गई,
चाहत को हमारी अपनी मंजिल मिल गई, मेरे दिल की अगन मेरे मन ..
निखर गए, खिल गए हम, के हमें हमारी मोहब्बत मिल गई,
जिसकी तलाश थी जन्मों से, आज वह खोई मंजिल मिल गई,
ऐ खुदा ! तेरी इनायत हमपर हो गई, के आखिर तेरी मोहब्बत हमें मिल गई ।
मेरे दिल की अगन, मेरे मन की लगन बन गई