View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1364 | Date: 21-Sep-19951995-09-211995-09-21ना बनना चाहे कोई शिष्य यहाँ, हर कोई गुरू बनने चलाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=na-banana-chahe-koi-shishya-yaham-hara-koi-guru-banane-chalaना बनना चाहे कोई शिष्य यहाँ, हर कोई गुरू बनने चला,
जाने बिना ही गुरुता को, हर कोई गुरू बनने चला ।
अपनी मनमानी को मनाने के लिए हर कोई चला,
मन मारने की बजाय मन के नाच के पीछे हर कोई चला।
नही है बाकी कोई इस में, हो कोई बेईमान या हो फिर भला,
अपने अहंकार के पीछे किसीका भी कुछ ना चला।
अज्ञानी तब अपनेआप को ज्ञान का सागर कहने चला,
नही जान पाए जहाँ ज्ञान है क्या वहाँ ज्ञानी का रूप बना।
चाहे हर कोई यहाँ दिखाना अपना रूप, अनुरूप ना कोई बनना चाहे,
भूलकर प्रेमभाव को, अपने अहंकार में ही खोने हर कोई चला।
ना बनना चाहे कोई शिष्य यहाँ, हर कोई गुरू बनने चला