View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1351 | Date: 09-Sep-19951995-09-091995-09-09ना पूछो यारों की हम कहाँ रहते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=na-puchho-yarom-ki-hama-kaham-rahate-haiना पूछो यारों की हम कहाँ रहते है,
हम जहाँ रहते है, वहाँ हर कोई रहना चाहता है ।
करो इन्कार या करो इकरार, फरक उससे ना पड़ता है,
हर धडकता दिल किसी दिल में रहना चाहता है ।
पाने के लिए किसीके दिल में जगह, वह जख्म लाख उठाता रहता है,
और कुछ मिले ना मिले पर प्यार के बिना नही रह सकता है,
बहुत कम खुशनसीब है, जिनकी यह चाहत पूरी होती है।
मस्तीभरी महफिल में बैठनेवालों का पता गम की महफिल में मिलता है,
डूबे है जो प्यार में उसी दिलों का प्यार का अंदाज ही ना कोई रहता है ।
दिलबर के दिलों में रहने वाले अक्सर पता अपना पूछते रहते है,
खो जाते है कुछ इस तरह प्यार में कि कुछ कह नही पाते हैं ।
ना पूछो यारों की हम कहाँ रहते है