View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 1352 | Date: 09-Sep-19951995-09-09सागर से अगर पूछे कोई की बता तेरी है कितनी गहराईhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sagara-se-agara-puchhe-koi-ki-bata-teri-hai-kitani-gaharaiसागर से अगर पूछे कोई की बता तेरी है कितनी गहराई,

सुनकर नादानीय भरे सवाल वह मन ही मन मुस्कुराता है,

पर वह कुछ नही कहता है वह खामोश ही रहता है ।

पूछे कोई पर्वत से जाकर कि बता है तेरी कितनी उँचाई .....

पूछे अगर कोई प्यार में डूबे दिल से की बता तेरे दिल में है प्यार कितना.

पूछो चाहे लाख सवाल. कुछ सवालों के जवाब नही मिलते हैं,

बयाने जिक्र से हर बात समझी-समझायी नही जाती है,

फिर भी नादानों की नादानीयत में कोई कमी ना आती है ।

भूलकर मंजिल को अपनी औरों की राह में टांग अड़ाते हैं,

अक्लमंद की साबीतीमें बेवकूफों को करार मिलता है,

फिर भी वह नही समझते है बस सवाल पर सवाल किए जाते हैं ।

सागर से अगर पूछे कोई की बता तेरी है कितनी गहराई

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सागर से अगर पूछे कोई की बता तेरी है कितनी गहराई,

सुनकर नादानीय भरे सवाल वह मन ही मन मुस्कुराता है,

पर वह कुछ नही कहता है वह खामोश ही रहता है ।

पूछे कोई पर्वत से जाकर कि बता है तेरी कितनी उँचाई .....

पूछे अगर कोई प्यार में डूबे दिल से की बता तेरे दिल में है प्यार कितना.

पूछो चाहे लाख सवाल. कुछ सवालों के जवाब नही मिलते हैं,

बयाने जिक्र से हर बात समझी-समझायी नही जाती है,

फिर भी नादानों की नादानीयत में कोई कमी ना आती है ।

भूलकर मंजिल को अपनी औरों की राह में टांग अड़ाते हैं,

अक्लमंद की साबीतीमें बेवकूफों को करार मिलता है,

फिर भी वह नही समझते है बस सवाल पर सवाल किए जाते हैं ।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


sāgara sē agara pūchē kōī kī batā tērī hai kitanī gaharāī,

sunakara nādānīya bharē savāla vaha mana hī mana muskurātā hai,

para vaha kucha nahī kahatā hai vaha khāmōśa hī rahatā hai ।

pūchē kōī parvata sē jākara ki batā hai tērī kitanī um̐cāī .....

pūchē agara kōī pyāra mēṁ ḍūbē dila sē kī batā tērē dila mēṁ hai pyāra kitanā.

pūchō cāhē lākha savāla. kucha savālōṁ kē javāba nahī milatē haiṁ,

bayānē jikra sē hara bāta samajhī-samajhāyī nahī jātī hai,

phira bhī nādānōṁ kī nādānīyata mēṁ kōī kamī nā ātī hai ।

bhūlakara maṁjila kō apanī aurōṁ kī rāha mēṁ ṭāṁga aḍa़ātē haiṁ,

aklamaṁda kī sābītīmēṁ bēvakūphōṁ kō karāra milatā hai,

phira bhī vaha nahī samajhatē hai basa savāla para savāla kiē jātē haiṁ ।