View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4333 | Date: 09-Jan-20022002-01-092002-01-09ना तुझसे कुछ कह सकते हैं, ना चुप हम रह सकते हैंSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=na-tujase-kuchha-kaha-sakate-haim-na-chupa-hama-raha-sakate-haimना तुझसे कुछ कह सकते हैं, ना चुप हम रह सकते हैं,
ना हम उगल सकते हैं, ना हम निगल सकते हैं,
ना कुछ छुपाना चाहते हैं, ना कुछ बताना हम चाहते हैं,
अंजाम की क्या बात करें, वो तो तुझे पता ही है ।
हाले दिल से ओ मेरे दिलबर तू कब बेखबर है,
मझधार में हैं ऐसे फँसे कि किनारों का कोई दीदार नही,
माझीं नहीं पास में हमारे, पतवार भी कोई नहीं,
तुझे हम पुकार के भी पुकार पाते नहीं,
शंका नहीं कोई तुझमें पर पूर्ण विश्वास भी नहीं,
हाले दिल का अंदाज है तुझको पूरा कि तू इससे अंजान नहीं ।
ना तुझसे कुछ कह सकते हैं, ना चुप हम रह सकते हैं