View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 4849 | Date: 21-Sep-20192019-09-21नवाजता है जिन्हें तू अपनी रहमत से, वो तेरी खिदमत करते हैंhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=navajata-hai-jinhem-tu-apani-rahamata-se-vo-teri-khidamata-karate-haimनवाजता है जिन्हें तू अपनी रहमत से, वो तेरी खिदमत करते हैं,

न कुछ करते हुए भी वो सबकुछ तो करते है ।

जर्रे जर्रे में दिले दिलबर का दीदार पाता है,

भूल के खुद को खुदा तुझ में खोया रहता है ।

तेरी दीवानगी का असर जिस किसी को होता है,

उसकी चाल और रंगत में तू समाया रहता है।

बेखुदी का आलम हरपल हरहाल में रहता है,

दिख जाए जिन्हें तू उसे फिर कुछ और कहाँ दिखता है ।

नवाजता है जिन्हें तू अपनी रहमत से, वो तेरी खिदमत करते हैं

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नवाजता है जिन्हें तू अपनी रहमत से, वो तेरी खिदमत करते हैं,

न कुछ करते हुए भी वो सबकुछ तो करते है ।

जर्रे जर्रे में दिले दिलबर का दीदार पाता है,

भूल के खुद को खुदा तुझ में खोया रहता है ।

तेरी दीवानगी का असर जिस किसी को होता है,

उसकी चाल और रंगत में तू समाया रहता है।

बेखुदी का आलम हरपल हरहाल में रहता है,

दिख जाए जिन्हें तू उसे फिर कुछ और कहाँ दिखता है ।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


navājatā hai jinhēṁ tū apanī rahamata sē, vō tērī khidamata karatē haiṁ,

na kucha karatē huē bhī vō sabakucha tō karatē hai ।

jarrē jarrē mēṁ dilē dilabara kā dīdāra pātā hai,

bhūla kē khuda kō khudā tujha mēṁ khōyā rahatā hai ।

tērī dīvānagī kā asara jisa kisī kō hōtā hai,

usakī cāla aura raṁgata mēṁ tū samāyā rahatā hai।

bēkhudī kā ālama harapala harahāla mēṁ rahatā hai,

dikha jāē jinhēṁ tū usē phira kucha aura kahām̐ dikhatā hai ।