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Hymn No. 4848 | Date: 06-Sep-20192019-09-062019-09-06शोर शराबे में इन्सान रहता हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=shora-sharabe-mem-insana-rahata-haiशोर शराबे में इन्सान रहता है,
और अपना हर काम शोर शराबे से करता है ।
कुछ भी तो कर नहीं सकता, फिर भी लगता है सबकुछ करता है,
पूरे आलम को संभाल के बैठा है, और सबकुछ तू करता है ।
करके सारा काम खामोश तू रहता है,
और खामोशी में ही तू गुजारा करता है ।
न कोई सबूत न कोई गवाह चाहता है,
करना है तुझे जो वो तू करता ही जाता है ।
सजदे करते हैं तेरे उन्हें समझा देता है,
न कोई मुहर न कोई स्याही अपने काम पर करता है ।
ओ संसार चलाने वाले तू ही तो आखिर सबकूछ करता है,
समझ नहीं सकता ये इन्सान तुझे, ना तू परवाह करता है,
ताज-ओ -तख्त की आरजू बिना ही सारा काम तमाम करता है ।
शोर शराबे में इन्सान रहता है