View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4368 | Date: 04-Sep-20022002-09-042002-09-04पल दो पल की खुशियों से दिल को बहलाना नहींSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pala-do-pala-ki-khushiyom-se-dila-ko-bahalana-nahimपल दो पल की खुशियों से दिल को बहलाना नहीं,
तेरे सजदे में अबके सर झुकाये बिना रहना नहीं,
आबादी को तेरी अबके अपनायें बिना रहना नहीं,
राह में चूभे जब काँटे, मुस्कुराए बिना तब रहना नहीं,
पलछिन के मेले में मिलना बिछडना हुआ बहुत,
अबके तुझमें एक हुए बिना रहना नहीं,
बहुत उलझे कि चाहतों के दायरे से अबके निकले बिना रहना नहीं,
मोहब्बत के गुलिस्तान में घर अपना बनाये बिना रहना नहीं,
दिल में अपने तेरे दीदार किये बिना हमें रहना नहीं ।
पल दो पल की खुशियों से दिल को बहलाना नहीं