View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 419 | Date: 15-Oct-19931993-10-151993-10-15पंख लगाए हवा के, मन मेरा तो उडा, मन मेरा तो उडाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pankha-lagae-hava-ke-mana-mera-to-uda-mana-mera-to-udaपंख लगाए हवा के, मन मेरा तो उडा, मन मेरा तो उडा,
लेकर अपनी बाहों में साथ, मन मेरा तो उडा, मन मेरा तो उडा।
नही पता कहाँ उडा, कौन-से देश में, कौन-से प्रदेश में, वह तो उडा,
बताया नही पूछने पर मेरे, पर वह तो अपने संग ले मुझे उडा ।
उड़ने की आदत से वह तो ना बाज आया, वह तो उडा........
जंजीर से जकडना चाहा, हाथ से पकड़ना चाहा, पर वह तो उड़ गया ।
गया वह जहाँ-जहाँ, अनुभव मुझे वह तो ऐसे देता गया, वह उडता चला,
कभी आँखों में आँसू भरे, कभी होठों पर मुस्कान वह देता गया ।
पहुँचा कहाँ अब पता उसका ना चला, पर जीवन शांत मेरा हो गया,
मग्न होकर मैं नाचने लगी, आनंद ही आनंद का अनुभव करने लगी,
बावरी बनी फिरने लगी, ले जा मुझे उस नगरी, बार-बार अपने मन को कहती रही ।
पंख लगाए हवा के, मन मेरा तो उडा, मन मेरा तो उडा