View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1704 | Date: 23-Aug-19961996-08-231996-08-23पीते गए हम तो दवा, की दर्द बढ़ता ही गया|Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pite-gae-hama-to-dava-ki-darda-badhata-hi-gayaपीते गए हम तो दवा, की दर्द बढ़ता ही गया|
दीवानों की रीत है कुछ ऐसी, दीवानगी का नशा हमें भी चढ़ता गया|
लेते गए प्रभु नाम तेरा, तड़पन अपनी बढ़ाते गए|
पीते रहे ऐसी दवाई, जिसे दर्द अपना तो बढ़ता ही रहा|
कहनेवालों ने कभी पागल, तो कभी नासमझ कहा, पर फर्क ना कोई हमें पड़ा|
वे क्या जाने दीवानगी का नशा, जिन्होंने दिल ही किसे नही दिया|
दवा में है दर्द और दर्द ही है दवा हमारी, ना आए समझ में तो ना सही, ये है बात है हमारी|
कोई छुपाए या बताए, पर हमने अपना हालेदिल सबको बता दिया|
चढ़ा नशा कुछ इतना कि, बेहोशी के आलम से बाहर निकलकर, अपना होश हमने सँभाल लिया|
लड़खड़ाते थे जो आज तक हम, आज हमें स्थिरता का एहसास मिल गया|
दर्द में भी पाया चैन हमने, ऐसा हमारे साथ हुआ|
पीते गए हम तो दवा, की दर्द बढ़ता ही गया|