View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3229 | Date: 06-Feb-19991999-02-061999-02-06प्रीत तो वह मोड़ है जहाँ भूले हम अपनी सारी कहानीSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=prita-to-vaha-moda-hai-jaham-bhule-hama-apani-sari-kahaniप्रीत तो वह मोड़ है जहाँ भूले हम अपनी सारी कहानी,
ओ प्रीत करनेवाले समझ लेना इतना, प्रीत में ना चले चतुराई ।
चतुर है तू जीवन में, तो इसमें कोई बुराई नही, पर प्रीत में ...
दिलों का बंधन है ये, बुद्धि बात ये समझ ना पाई ।
सवाल ही रहे बुद्धि के पास सिर्फ, ना रीत ये समझ में आई,
जिसने अपनी सारी दुनिया मिटाई, उसने रस्में-मोहब्बत निभाई ।
पाई उसने जन्नत जीवन में, के जिसने प्रीत संग की सगाई,
की जिसने चतुराई उसे प्रीत निभानी ना आई ।
रहा जब तक अपनापन कायम, तब तक बनी रही जुदाई,
के ओ प्रीत करनेवाले इतना समझ ले के प्रीत में ना चले जुदाई ।
प्रीत तो वह मोड़ है जहाँ भूले हम अपनी सारी कहानी