View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2202 | Date: 16-Aug-19971997-08-161997-08-16प्यार करनेवाले जहाँ तक निराश कर जाते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=pyara-karanevale-jaham-taka-nirasha-kara-jate-haiप्यार करनेवाले जहाँ तक निराश कर जाते है,
और हम जब आए, दर्द की घड़ी, तब बहुत दूर रहते है,
ना ही ले पाते हम दर्द आपका, ना ही दवा का इन्तजाम करते है।
ऐसे हम स्वार्थ के साथीदार, जो कुछ भी ना करते है,
करते तो है प्यार आपसे, पर हर वक्त लाचार से रहते है।
अपनी इच्छाओं और अपनी मजबूरियों से ऊपर उठ नही पाते है,
अपनेआप को तेरे संग जोड़ नही पाते है, हम दर्द का बटवारा कर नही पाते है।
दिल की भावनाओं में प्रीत की, वह अमर ज्योत जला नही पाते है।
माया के इस जाल से मुक्त हम हो नही पाते है।
प्रभु कहे तो क्या कहे, कि सिर्फ कहने से तो कुछ भी नही होता है।
प्यार करनेवाले जहाँ तक निराश कर जाते है