View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4169 | Date: 04-Jul-20012001-07-042001-07-04सबकुछ लुटे तो लुट जाये, सब छूटे तो छूट जायेSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sabakuchha-lute-to-luta-jaye-saba-chhute-to-chhuta-jayeसबकुछ लुटे तो लुट जाये, सब छूटे तो छूट जाये,
यार तेरा प्यार दिल से कम होने ना देना।
दीवानगी का नशा तू उतरने ना देना,
अपने आपसे अबके बिछड़ने ना देना ।
मनमानीओं की बस्ती में हमको बिखरने ना देना,
रहे हरियाली सदा तुझसे खयाल कोई और आने ना देना ।
जमाने के रूप हजार, हमें उसमें खींचने ना देना,
माया मोह के दल दल में अबके फँस ने ना देना ।
सबकुछ लुटे तो लुट जाये, सब छूटे तो छूट जाये