View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4449 | Date: 18-Jan-20152015-01-182015-01-18सारी सीमायें खत्म, सारी हदें खत्मSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=sari-simayem-khatma-sari-hadem-khatmaसारी सीमायें खत्म, सारी हदें खत्म,
जहाँ बेगाना मैं, वहा क्या रह जाता है, वहा क्या रह जाता है ।
न तनहाई, न शहनाई, न ही गमे जुदाई, जहाँ ...
न जग हँसाई, न रूलाई, न ही कोई परछाई, जहाँ ...
न आकार, न विकार, न समय की शहनाई, जहाँ ...
न पाने की कोई पुकार, न खोने की रुलाई, जहाँ ...
न दर्द न चैन, न ही कोई बेकरारी, जहाँ ...
न आवाज, न परवाज, न ही कोई आगाज़, जहाँ ...
न मिलन की महफिल, न बिछड़ने की कोई रूसवाई ...
मिटा जहाँ मैं, वहाँ बाकी क्या रह जाता है, बाकी क्या ...
सारी सीमायें खत्म, सारी हदें खत्म