View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3257 | Date: 20-Feb-19991999-02-201999-02-20तुझमें समाया है सबकुछ, तुझसे ही सबकुछ कायम हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tujamem-samaya-hai-sabakuchha-tujase-hi-sabakuchha-kayama-haiतुझमें समाया है सबकुछ, तुझसे ही सबकुछ कायम है,
जानना है मुझे तुझको, के आखिर सबकुछ मुझे समझना है ।
एक-एक चीज का ध्यान करके मुझे ना अपना वक्त जाया करना है,
तुझसे ही मुझे सबकुछ पाना है, के तुझे ही मुझे पाना है ।
माना आता नही मुझे कुछ, ना इस बात पर हैरान होना है,
के जानकर तुझको मुझे सबकुछ जानना है ।
तू है दाता, तू विधाता, तू अज्ञान को मिटाता है,
मिटाकर दूरी तेरे-मेरे बीच की, मुझे अज्ञान से मुक्त होना है ।
ना आए कोई रस्म निभानी मुझे, तो ना फिक्र मुझे करनी है,
तुझे ही तो मुझे सबकुछ सिखाना है, तुझसे ही सबकुछ पाना है ।
तुझमें समाया है सबकुछ, तुझसे ही सबकुछ कायम है