View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2066 | Date: 02-Apr-19971997-04-021997-04-02तूफाँ में भटकी हुई कश्ती का किनारा है प्रभु तू|Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tupham-mem-bhataki-hui-kashti-ka-kinara-hai-prabhu-tuतूफाँ में भटकी हुई कश्ती का किनारा है प्रभु तू|
टूटे हुए दिल का बसेरा, दिल का सहारा है प्रभु तू|
कहूँ तो कैसे कहु प्रभु, मेरा क्या है तू।
बस इतना ही कहे सकता हूँ, मेरा सबकुछ है प्रभु तू|
शुरूआत भी तू और अंत भी है प्रभु तू|
धड़क रहा है दिल मेरा, जी मेरे दिल में व बैठा है तूछ
मेरी दो आँखों की रोशनी है प्रभु तू, तूफाँ में ...
जिंदगी की राह की मेरी मंजिल है प्रभु तू ही तू।
अब और क्या कहे कि इस बेघर का घर है तू।
जैसे भी है हम पर हमारा पालनहार है तू।
तूफाँ में भटकी हुई कश्ती का किनारा है प्रभु तू|