View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2160 | Date: 21-Jun-19971997-06-211997-06-21या तो फिर सबकुछ भूल जाता हूँ या बेकाबू हो जाता हूँ।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ya-to-phira-sabakuchha-bhula-jata-hum-ya-bekabu-ho-jata-humया तो फिर सबकुछ भूल जाता हूँ या बेकाबू हो जाता हूँ।
ऐ खुदा, तेरे ध्यान में मैं रहना चाहता, पर हर वक्त रह नही पाता हूँ।
अपनी चिंताओ से घेरा हुआ, तो कभी बेध्यान रहता हूँ।
अपने मन को लगाना चाहता हूँ तुझमें, पर वह लगा नही पाता हूँ।
कभी खुशी के जश्न में, तो कभी गम के मातम में डूबा रहता हूँ।
डूबना चाहता हूँ तेरी दिल की गहराई में, पर डूब नही पाता हूँ।
कभी इधर तो कभी उधर, व्यर्थ ही भटकता रहता हूँ।
छुडाकर पीछा सबसे चलना चाहता हूँ तेरी ओर, पर ये कर नही पाता हूँ।
समझकर सच्ची समझ को में अपने वर्तन में उतारना चाहता हूँ।
पर रहा हूँ अब तक तो कोरा ही मैं, कुछ बदलाव ला नही पाता हूँ।
या तो फिर सबकुछ भूल जाता हूँ या बेकाबू हो जाता हूँ।