View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2910 | Date: 22-Oct-19981998-10-221998-10-22ये खुशी भी किस काम की, ये गम भी किस काम काSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ye-khushi-bhi-kisa-kama-ki-ye-gama-bhi-kisa-kama-kaये खुशी भी किस काम की, ये गम भी किस काम का,
दुनिया की रस्मों पर मनाए ये जश्न भी किस काम का,
पल दो पल के चैन के बाद फिरसे वही बेचैनी, के ये सबकुछ किस काम का।
कभी बहक गए हम अपने भावो में, के ये बहकापन किस कमका,
लगते ही ठोकर खाई चोट ऐसी, के मिले जिस में सिर्फ दर्द, ऐसा बहकना किस काम का ।
पाया जो कुछ हमने यहाँ, छूटना है एक ना एक दिन, ऐसा पाना किस काम का,
नींदे गँवाई रातों की कभी रोग में, तो कभी भोग में के ये किस काम का,
दर्द आया जब पास, ना दिया साथ किसीने, ऐसा साथी किस काम का,
पल दो पल से ज्यादा रहे जो, ऐसी खुशी किस काम की,
अखंड आनंद पाने को आए हम यहाँ, ना पाए अगर, ये जन्म किस काम का ।
ये खुशी भी किस काम की, ये गम भी किस काम का