View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 3233 | Date: 09-Feb-19991999-02-091999-02-09आते है, धन कमाते है, धन कमाकर उसे सँभाल के रखते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ate-hai-dhana-kamate-hai-dhana-kamakara-use-sambhala-ke-rakhate-haiआते है, धन कमाते है, धन कमाकर उसे सँभाल के रखते है,
अपनी जान से भी ज्यादा खयाल वह अपने धन का रखते है ।
दिनरात वह अपने धन की चौकी करते-करते जीते जाते है,
ऐसे पहेरेदार इस धरती पर हमें अनगीनत मिलते है ।
दिल खोल के खर्चते नही, जमा करने में चैन पाते है,
किसीकी जरूरत पर भी ना वह एक आना दान करते है,
ऐसे पहरेदार जीवन में ना कुछ पा सकते है।
कल की कल्पनाओं में, आज से ना कोई नाता रखते है,
जीते जी तो चैन नसीब नही, मर के भी ना वह चैन पाते है ।
रहता है उन्हें अपनी तिजोरियों का स्मरण रात दिन, ना कुछ और सोच पाते है,
पैसा ही भगवान उनका, ना कुछ और पास उनके होता है,
क्या कहना अंजाम उनका के वह तो खुदा ही जानता है ।
आते है, धन कमाते है, धन कमाकर उसे सँभाल के रखते है