View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1250 | Date: 02-May-19951995-05-021995-05-02बेईमान के हाथ ईमान को बिकते हुए देखाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=beimana-ke-hatha-imana-ko-bikate-hue-dekhaबेईमान के हाथ ईमान को बिकते हुए देखा,
बीच बाजार मौत इन्सानियत की होती हुए देखी।
थी हकीकत वह तो ना था कोई मेरी आँखों का धोखा,
फिर भी इस व्यापार को ना मैंने और ना किसीने रोका।
धर्म के नाम पर ढोंग को चलते हुए मैंने देखा,
नही दूर से बहुत पास से बहुत करीब से मैंने झाँका।
ईर्ष्या की आग में प्रेम को जलते हुए मैंने देखा,
होते हुए विजय बैर और अहंकार की मैंने देखी।
संतानों के हाथों माँ-बाप को पिटते हुए देखा,
जो ना देखना था वही मैंने तो सबकुछ देखा।
बेईमान के हाथ ईमान को बिकते हुए देखा