View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1249 | Date: 01-May-19951995-05-011995-05-01कोई जागे कोई सोए, कोई हँसे, तो कोई रोएSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=koi-jage-koi-soe-koi-hanse-to-koi-roeकोई जागे कोई सोए, कोई हँसे, तो कोई रोए,
कोई चले, कोई गिरे, कोई डूबे, तो कोई तैर जाए।
चल रहा है यह सिलसिला जिंदगी का, ना इस में से कोई बाकी रह जाए,
फिर भी समजे हर कोई अपनेआप को जुदा, हरकतें एक-सी करने ।
खेल रही है जिंदगी सबके संग, फिर भी हर कोई अपनेआप को खिलाडी कहलाए,
है जिंदगी एक, फिर भी हर एक नये रूप में इसे देख पाए।
नये-नये रूप में यह तो हर एक के सामने आए ...
जीते है बहुत मगर असली रूप जिंदगी का बहुत कम समझ पाए।
समजे एक बार जिंदगी को तो फिर अपनेआप को जान पाए,
जान गए जहाँ खुद को, फिर खुदा से दूर ना हम रह पाए।
कोई जागे कोई सोए, कोई हँसे, तो कोई रोए