View Hymn (Bhajan)

Hymn No. 3212 | Date: 01-Feb-19991999-02-01चलते-चलते राहें खुदाई पर कभी ऐसा भी तो मोड़ आता हैhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chalatechalate-rahem-khudai-para-kabhi-aisa-bhi-to-moda-ata-haiचलते-चलते राहें खुदाई पर कभी ऐसा भी तो मोड़ आता है,

दिल में ना कोई आरजु रहती है, ना ही कुछ भाव भरे एहसास रहते है ।

दिल हो जाता है ऐसा, जिसमें ना कुछ रहता है,

बात नही है ये मेरी भावों से मुक्त होने की, ना ही उस दशा की बात है ।

पता नही कोई बंधन मुझको ऐसा बाँध जाता है, मेरा हँसना, रोना सब रूक जाता है,

जाऊँ तो जाऊँ कहा किस ओर? ये समझ में नही आता है ।

कभी मजबूरी तो कभी मनमानी में, हम सबकुछ करते जाते है,

क्या सच, क्या झूठ, हम सिर्फ फर्क इनमें ढूँढते रहते है ।

दास्ताएँ दर्द को हमारी, हम खुद ही नही जान पाते है ।

कोई तो मिले दिले दर्द को जाननेवाला, अक्सर यही चाहत दिल में रखते है,

पर पता नही चलता हमें, के आखिर हम क्या करना चाहते है ।

चलते-चलते राहें खुदाई पर कभी ऐसा भी तो मोड़ आता है

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चलते-चलते राहें खुदाई पर कभी ऐसा भी तो मोड़ आता है,

दिल में ना कोई आरजु रहती है, ना ही कुछ भाव भरे एहसास रहते है ।

दिल हो जाता है ऐसा, जिसमें ना कुछ रहता है,

बात नही है ये मेरी भावों से मुक्त होने की, ना ही उस दशा की बात है ।

पता नही कोई बंधन मुझको ऐसा बाँध जाता है, मेरा हँसना, रोना सब रूक जाता है,

जाऊँ तो जाऊँ कहा किस ओर? ये समझ में नही आता है ।

कभी मजबूरी तो कभी मनमानी में, हम सबकुछ करते जाते है,

क्या सच, क्या झूठ, हम सिर्फ फर्क इनमें ढूँढते रहते है ।

दास्ताएँ दर्द को हमारी, हम खुद ही नही जान पाते है ।

कोई तो मिले दिले दर्द को जाननेवाला, अक्सर यही चाहत दिल में रखते है,

पर पता नही चलता हमें, के आखिर हम क्या करना चाहते है ।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


calatē-calatē rāhēṁ khudāī para kabhī aisā bhī tō mōḍa़ ātā hai,

dila mēṁ nā kōī āraju rahatī hai, nā hī kucha bhāva bharē ēhasāsa rahatē hai ।

dila hō jātā hai aisā, jisamēṁ nā kucha rahatā hai,

bāta nahī hai yē mērī bhāvōṁ sē mukta hōnē kī, nā hī usa daśā kī bāta hai ।

patā nahī kōī baṁdhana mujhakō aisā bām̐dha jātā hai, mērā ham̐sanā, rōnā saba rūka jātā hai,

jāūm̐ tō jāūm̐ kahā kisa ōra? yē samajha mēṁ nahī ātā hai ।

kabhī majabūrī tō kabhī manamānī mēṁ, hama sabakucha karatē jātē hai,

kyā saca, kyā jhūṭha, hama sirpha pharka inamēṁ ḍhūm̐ḍhatē rahatē hai ।

dāstāēm̐ darda kō hamārī, hama khuda hī nahī jāna pātē hai ।

kōī tō milē dilē darda kō jānanēvālā, aksara yahī cāhata dila mēṁ rakhatē hai,

para patā nahī calatā hamēṁ, kē ākhira hama kyā karanā cāhatē hai ।