View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 242 | Date: 20-Jul-19931993-07-201993-07-20चले राह पर कैसे अकेलेSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chale-raha-para-kaise-akeleचले राह पर कैसे अकेले,
जब खुद पर भरोसा नहीं है हमको।
आगे तो हम कैसे बढ़े?
जब कदम हमारे डगमगाए हुए है।
ढूँढे हम तो कैसे किसको,
जब खुद ही हम, खाए हुए है।
जगाए कैसे तुझको हम,
जब खुद ही सोए हुए है।
संग तेरा हम माँगे कैसे,
जब साथी तुझको बनाया नहीं है।
दिल से तुझको कैसे पुकारे?
जब विश्वास नहीं पुकार पर ।
ऐसे हम चीखे-चिल्लाए,
पर दिल से तुझको पुकार ना पाए।
वहाँ पर हम तो रूके हुए है,
फिर भी तो मंजिल पास बुलाए।
यकीन नहीं है खुद पर जब,
कैसे पहुँचेंगे हम मंजिल तक?
मंजिल फिर भी यकीन दिलाए,
आकर पहुँचोगे एक दिन जरूर।
पर जब चल ही नहीं पाए हम,
कैसे पहुँचेंगे हम तुझ तक?
चले राह पर कैसे अकेले