View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 2083 | Date: 16-Apr-19971997-04-161997-04-16छिन के चैन हमारा हमसे, हमें वह चैन में रहने को कहता हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=chhina-ke-chaina-hamara-hamase-hamem-vaha-chaina-mem-rahane-ko-kahataछिन के चैन हमारा हमसे, हमें वह चैन में रहने को कहता है,
अब क्या कहे हम कि ऐसा सलुख, तो कोई दुश्मन भी नही करता है|
होते हुए नजर के सामने भी, वह कभी नजर नही आता है,
तड़पाता है वह इतना हमें कि इतना तो कोई भी नही तड़पाता है।
बेकरारी बढ़ाकर वह हमारी, ना जाने कहाँ छूपा रहता है,
कि अपनी शरारतों से वे हमें बेमौत ही मारता है|
ना जाने कैसे-कैसे सितम वह हम पर ढाता रहता है,
और हमें वह सबकुछ सहकर मुस्कुराने को कहता है,
बड़ा अजीब है उसका व्यवहार, जो समझ में ना आता है।
हरहाल में वह हमें सदा एक ही रंग में जीने को कहता है|
छिन के चैन हमारा हमसे, हमें वह चैन में रहने को कहता है