View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4350 | Date: 27-Mar-20022002-03-272002-03-27दिल में से हमारे हर वक्त निकलता नया एक शेर होता हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=dila-mem-se-hamare-hara-vakta-nikalata-naya-eka-shera-hota-haiदिल में से हमारे हर वक्त निकलता नया एक शेर होता है,
जनाब क्या कहें औरों के जजबातों पर कहाँ जोर चालता है,
चाहते हैं बहुत सी, पर कहाँ सब हररोज साथ रहती हैं,
कुछ याद रहती है बाकी तो भूल ही हम जाते हैं,
पाने खोने की तकरार लगातार दिल में रहती है,
इसमें रोये कभी एक आँख तो कभी दूजी रोती है ।
करते हैं जतन हम बहुत के रहें सदा संग तेरे, पर .....
मन की दौड़ में कहाँ कोई सीधी गली होती है,
पाने को तो पाया बहुत कुछ पर, कहाँ पाया सबकुछ,
कि तेरी यादों में अभी भी तुझसे मिलना चाहते हैं ।
दिल में से हमारे हर वक्त निकलता नया एक शेर होता है