View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 262 | Date: 27-Jul-19931993-07-271993-07-27है कौन यहाँ अपना, कौन परायाSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=hai-kauna-yaham-apana-kauna-parayaहै कौन यहाँ अपना, कौन पराया,
ये तो कैसे जाने हम, ये कैसे माने हम।
लगे तो लगे सब अपने ही अपने, ना लगे कोई पराया,
कभी लगे सब पराये ना कोई अपना।
इस रीत को ना जाने हम, समझाने पर ना समझे,
फर्क ना किसी में है, है सब एक से, फिर भी सब एक नहीं है ।
सोचने में अपने पराये, हूँ मैं कौन वह भी तो मैं भुल गई,
कैसी है तेरी माया, कैसी बिछाई तुने ये छाया?
आकर यहाँ तो भुल गया हर कोई अपने आपको।
है कौन यहाँ अपना, कौन पराया