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Hymn No. 1329 | Date: 21-Jul-19951995-07-21“हाँ” को छोड़कर “ना” को ही सब लोग क्यों याद रखते हैhttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ham-ko-chhodakara-na-ko-hi-saba-loga-kyom-yada-rakhate-hai“हाँ” को छोड़कर “ना” को ही सब लोग क्यों याद रखते है,

की गई हो अगर हजारों बार हाँ भूलकर उसे।

एक बार की गई ना को हमेशा याद रखते हैं,

भूलकर तारीफ करना बुराई में ही क्यों मानते है।

की हो जिसने जिंदगी पर एहसानों की बरसात,

कभी एक बार कुछ ना करने पर, एहसान फरामोश उसे कहते है ।

नही है खुद को पसंद फिर भी दूसरों को हम ना ही कहते है,

रखते है उम्मीद खुद हाँ की, फिर भी ना को नही छोड़ पाते है ।

इसी “हाँ” “ना” में कभी अटक जाते हैं, फैसला करना हम भूल जाते है,

होती है शुरूआत इन्ही दो अक्षरों से, इन्ही पर ही खत्म होती है ।

“हाँ” को छोड़कर “ना” को ही सब लोग क्यों याद रखते है

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“हाँ” को छोड़कर “ना” को ही सब लोग क्यों याद रखते है,

की गई हो अगर हजारों बार हाँ भूलकर उसे।

एक बार की गई ना को हमेशा याद रखते हैं,

भूलकर तारीफ करना बुराई में ही क्यों मानते है।

की हो जिसने जिंदगी पर एहसानों की बरसात,

कभी एक बार कुछ ना करने पर, एहसान फरामोश उसे कहते है ।

नही है खुद को पसंद फिर भी दूसरों को हम ना ही कहते है,

रखते है उम्मीद खुद हाँ की, फिर भी ना को नही छोड़ पाते है ।

इसी “हाँ” “ना” में कभी अटक जाते हैं, फैसला करना हम भूल जाते है,

होती है शुरूआत इन्ही दो अक्षरों से, इन्ही पर ही खत्म होती है ।



- संत श्री अल्पा माँ
Lyrics in English


"hām̐" kō chōḍa़kara "nā" kō hī saba lōga kyōṁ yāda rakhatē hai,

kī gaī hō agara hajārōṁ bāra hām̐ bhūlakara usē।

ēka bāra kī gaī nā kō hamēśā yāda rakhatē haiṁ,

bhūlakara tārīpha karanā burāī mēṁ hī kyōṁ mānatē hai।

kī hō jisanē jiṁdagī para ēhasānōṁ kī barasāta,

kabhī ēka bāra kucha nā karanē para, ēhasāna pharāmōśa usē kahatē hai ।

nahī hai khuda kō pasaṁda phira bhī dūsarōṁ kō hama nā hī kahatē hai,

rakhatē hai ummīda khuda hām̐ kī, phira bhī nā kō nahī chōḍa़ pātē hai ।

isī "hām̐" "nā" mēṁ kabhī aṭaka jātē haiṁ, phaisalā karanā hama bhūla jātē hai,

hōtī hai śurūāta inhī dō akṣarōṁ sē, inhī para hī khatma hōtī hai ।