View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1654 | Date: 02-Aug-19961996-08-021996-08-02हो गया सो हो गया, क्या गम उसका जो खो गया (2)Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ho-gaya-so-ho-gaya-kya-gama-usaka-jo-kho-gayaहो गया सो हो गया, क्या गम उसका जो खो गया (2)
नही करना था जो किया मगर हमसे वही हो गया, अब इस बात को दोहराने से क्या फायदा ?
पाना था जो पा लिया, खोना था जो खो दिया, जब सबकुछ हो गया,
बदलना चाहा अपनेआप को, पर अपनी बेपरवाही में ही हमने सबकुछ खो दिया।
गम के घेराव में इस तरह रहे डूबे, के जो पास था वह भी गवा दिया
नही गवाना था कुछ भी हमें, पाना था जहाँ सबकुछ हमें, पर ये ना हो सका
सुधारने थे अपने हाल, पर खोने और गवाने में ही आगे ना बढ़ पाया
रखनी थी नज़र हमें पाने पर, पर मैं गँवाया क्या वही देखता गया
निकलना है बाहर अब गम के बादलों से, कि कुछ बात मैं समझ गया
भूलाकर गम खोने की पाने की तैयारी में मुझे है रहना
पाने के लिए प्रभु तुझको मुझे हर एक गम है उठाना खुश रहकर यही है कहना
हो गया सो हो गया, क्या गम उसका जो खो गया (2)