View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1227 | Date: 13-Apr-19951995-04-131995-04-13हो उम्मीद जिसकी जहाँ, वही पर वह ना मिलेSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=ho-ummida-jisaki-jaham-vahi-para-vaha-na-mileहो उम्मीद जिसकी जहाँ, वही पर वह ना मिले,
माँगे अगर हम उनसे कुछ और वह ही ठुकराए।
फिर इस दिल की हालत का ना पूछना यारों,
की हो हिम्मत आँसू देखने की, फिर भी ना देखना यारों।
पिघल जाओगे उन आँसुओं में, फिर फरियाद ना करना यारों,
इसलिए कहते है अपनेआप को संभालो यारों, हो उम्मीद....
दिल के जजबातों में बहने से अपनेआप को रोको यारों,
बहे जाओगे जो एक बार, तो नही पाओगे किनारा यारों।
मिल भी जाएगा अगर किनारा, तो रह जाओगे अनजान यारों,
ना हो यह मंजिल तो अपनेआप को झूठी उम्मीद से बचा लो यारों ।
हो उम्मीद जिसकी जहाँ, वही पर वह ना मिले