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Hymn No. 4247 | Date: 18-Aug-20012001-08-182001-08-18मेरी उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, माना मुझे मेरी किस्मत रोकती हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=meri-ummidem-puri-nahim-hoti-haim-mana-muje-meri-kismata-rokati-haiमेरी उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, माना मुझे मेरी किस्मत रोकती है,
या तो फिर मुझमें छुपी मेरी कमी, ये होने नहीं देती हैं ।
पूछता हूँ खुदा तुझसे, संग तेरे ऐसा क्यों होता है?
कि तेरी भी उम्मीदें पूरी क्यों नहीं होती हैं ?
तू तो है भाग्य विधाता, ना तुझमें कोई कमी है,
सबकी उम्मीदें पूरी करने वाले, क्यों तेरी उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं ?
सुन कहता हूँ मैं तुझसे, मेरी उम्मीदें पूरी क्यों नहीं होती हैं ?
जुड़ी है जिससे उम्मीदें मेरी, उनकी डोर किस्मत से बंधी है,
हूँ मुक्त मैं सारे बंधनों से, पर वो तो मुक्त नहीं है,
कर्मों की डोर से वो बंधके रहना चाहते हैं,
मुझपर एतबार ना सदा रख पाते है, कि इसलिये उम्मीदें मेरी पूरी।
मेरी उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, माना मुझे मेरी किस्मत रोकती है