View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1736 | Date: 10-Sep-19961996-09-101996-09-10ना जाने क्यों मैं ये सब करता गया।Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=na-jane-kyom-maim-ye-saba-karata-gayaना जाने क्यों मैं ये सब करता गया।
दूर्भावों के काँटों ने छलनी कर दिया मेरा जिगर, फिर भी मैं सहता गया।
ना थी मेरी ऐसी कोई मजबूरी, फिर भी मजबूर क्यों मैं होता रहा।
ना चिखा, ना चिल्लाया, चुपचाप दर्द को क्यों सहता रहा।
दर्द बढ़ता जिससे, उसे ही मैं अपनाता ही अपनाता गया।
जख्मी हो गया जिगर मेरा और मैं जख्म बढ़ाता गया।
भूलकर अपनी पीड़ा, मैं माया के रंग में रंगता ही गया।
सद्भावों को चाहा मैंने पर उनसे सदा में दूर ही रहा।
ईर्ष्या, अहंकार जगा-जगाकर अशांत अपने जीवन को करता रहा|
दूर्भावों को जगाकर दिल में अपनी बरबादी का कारण आप बनता रहा|
किया मैंने जो वह ना करना था, पता नही फिर भी क्यों करता रहा|
ना जाने क्यों मैं ये सब करता गया।