View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 298 | Date: 10-Aug-19931993-08-101993-08-10फिर हो गई, फिर हो गई खता हमसे, कुछ खता हो गईSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=phira-ho-gai-phira-ho-gai-khata-hamase-kuchha-khata-ho-gaiफिर हो गई, फिर हो गई खता हमसे, कुछ खता हो गई,
कब हुई, कैसे हुई, कुछ पता ना इसका हम को चला,
पर हो गई खता तो हम से हो गई।
जानकर हुई या अनजाने हुई,
नहीं यही पता, पर खता हमसे हो गई।
मिली हमें तो जब अरे पता चला हमको तो तब,
कुछ खता हमसे कुछ खता हमसे हो गई।
जीवन में बस हम खता पर खता करते रहे,
जीवन को एक सजा ही सजा मानते रहे।
कभी हसकर तो कभी रोकर, बस खता पर खता करते रहे,
हम यूँ ही जीवन बीताते रहे।
प्रभु करो कृपा तू एसी हो जाए ये तो कुछ कम,
जीवन से हमारे निकले बाहर गम।
फिर हो गई, फिर हो गई खता हमसे, कुछ खता हो गई