View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 285 | Date: 05-Aug-19931993-08-051993-08-05जग सोए मैं जागु, तेरे संग प्रीत की डोर मैं बाँधूSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=jaga-soe-maim-jagu-tere-sanga-prita-ki-dora-maim-bandhuजग सोए मैं जागु, तेरे संग प्रीत की डोर मैं बाँधू,
जग सोए मैं जागु, तेरे संग प्रीत की डोर मैं बाँधू,
समाऊँ कैसे मैं तेरे अंदर, बात यही मैं सोचूँ, जग सोए मैं जागु.....
मन मोहन मूरत को तेरी हर पल मैं खोजूँ, जग सोए मैं जागु .....
मिल जाये दर्शन तेरे प्रभु, हरपल यही मैं तो चाहूँ, जग सोए मैं जागु .....
दिल में समाया है तू मेरे, मैं तो अपने ही दिल को ढूँढू, जग सोए मैं जागु .....
हर पल जलु मैं विरह में तेरे, हर पल गीत मिलन के गाऊँ,
है तेरे सिवा कौन मेरा, जिसको दिल का दर्द दिखलाऊँ,
संग-संग रहे तू साथी बनकर, तुझ से यही में तो माँगू।
जग सोए मैं जागु, तेरे संग प्रीत की डोर मैं बाँधू