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Hymn No. 2819 | Date: 06-Oct-19981998-10-061998-10-06टूट-हार के सँभले तो क्या सँभले?Sant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=tutahara-ke-sambhale-to-kya-sambhaleटूट-हार के सँभले तो क्या सँभले?
बिना टूटे, बिना हारे, अगर सँभल गए तो बात कुछ और है ।
सँभलना तो आखिर सँभलना है, पर ऐसे सँभलने में मजा कुछ और है,
कदम-कदम पर देती रही है चुनौती जिंदगी हमें,
चुनौती का स्वीकार किए बिना ड़र के भाग गए, तो ना कुछ बात है,
ड़ट के किया सामना जीवन में चुनौती का, तो उसका मजा कुछ और है ।
आए जीवन में कई मोड़, हर मोड़ पर अगर हम मुड़ते चले गए, ना ये अच्छी बात है,
ना मुड़े किसी मोड़ पर, चले गए हम मंजिल की ओर, तो उसका मजा कुछ और है ।
खोए होश, खोए जोश, ना इसमें किसीका कोई दोष है,
प्यार में मदहोश रहने का भी, तो मजा कुछ और है, बिना टूटे .....
टूट-हार के सँभले तो क्या सँभले?