View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 4337 | Date: 09-Jan-20022002-01-092002-01-09यदि फूल ना बरसा सको किसीकी मोहब्बत परSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=yadi-phula-na-barasa-sako-kisiki-mohabbata-paraयदि फूल ना बरसा सको किसीकी मोहब्बत पर,
कहना मेरा इतना तो मानो, फेंको ना पत्थर मोहब्बत भरे दिल पर,
करना मोहब्बत क्या गुनाह है, पूछो खुदके प्यार भरे दिलसे,
ख्वाब देखना क्या जुल्म है, तोड़ो ना इनके मोहब्बत भरे ख्वाब को,
क्या खुदा की मोहब्बत को पत्थर से पूजोगे, मत भूलना हरएक दिल में खुदा तो है,
ना पी सको मोहब्बत के जाम को, ना तुम किसीके लबों से छीना करो,
ना जानो असूल मोहब्बत के तो कोई बात नहीं, पर यूँ तौहीन ना करो,
अपने आपको, अपने आपसे, नाराज ना करो, यदी फूल ना .....
शबनम को ना चूम सको जीवन में, तो यूँ पैरों तले रौंधा ना करो,
ना सराह सको किसीकी मोहब्बत को तो कोई बात नहीं पर पत्थर .....
यदि फूल ना बरसा सको किसीकी मोहब्बत पर