View Hymn (Bhajan)
Hymn No. 1378 | Date: 12-Oct-19951995-10-121995-10-12नही मिटते, नही मिटते, वह नही मिटते हैSant Sri Apla Mahttps://mydivinelove.org/bhajan/default.aspx?title=nahi-mitate-nahi-mitate-vaha-nahi-mitate-haiनही मिटते, नही मिटते, वह नही मिटते है,
मिटाने जाऊँ मैं उन्हें, उससे पहले ही वह मुझे मिटा देते है ।
दिल में छिपे अभाव मुझे बरबादी की राह पर छोड़ देते है,
होना चाहूँ में आबाद, उससे पहले ही वह मुझे बरबाद कर देते हैं ।
पहरा दूँ मैं रात दिन, फिर भी वह मेरी आँखों में धूल झोक जाते हैं,
ना जाने कहाँ से और कैसे मेरे दिल में अपनी जगह बना लेते हैं ।
करुँ फरियाद अब मैं किसे कि मेरे घर में चोर मालिक बनकर रहते है,
लूटते है चैन मेरा, एक पल भी चैन से रहने ना देते है ।
सँभलना चाहूँ जहाँ मैं वही पर वह मुझे गिरा देते हैं,
नही आते बस में मेरे मुझे वह बेबस कर देते है,
मैं शीतलता पाना चाहूँ पर वह मुझे आग में धकेल देते हैं ।
नही मिटते, नही मिटते, वह नही मिटते है